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Sunday, June 28, 2020

तमिलनाडु कस्टोडियल डेथ : टॉर्चर की सारी हदें पार करने वालों की सजाा सिर्फ निलंबन और ट्रांसफर?

- पूनम लाल
एक अश्वेत गोरे पुलिस की नफ़रत के चलते घुटनों तले दम तोड़ देता है तो पूरा देश कोरोना के भय के चलते भी बेख़ौफ़ निकल विरोध करते हैं.... व्हाइट हाउस को घेर लिया जाता है और पूरी पुलिस बिरादरी घुटनों के बल जनता से माफी मांगती फिरती है... राष्ट्रपति ट्रंप को बंकर में शरण लेनी पड़ती है... खूनी पति की पत्नी अपने पति को तलाक दे देती है.... एक समय ऐसा था कि ये दुनिया भर के देशों के हर न्यूज़ चैनल की खबर यही थी...हर जागरूक व्यक्ति और सोशल मीडिया के बुद्धिजीवियों का चर्चा का विषय था..... लेकिन इससे भी खौफनाक घटनाएं अपने देश में हो रही हैं और लोग कान में तेल डाल कर सोए पड़े हैं...न कोई चर्चा न कोई हैशटैग!!

तमिलनाडु के तूतुकुड़ी के सांताकुलम क्षेत्र में रात 9 बजे पुलिस दुकानें बंद करा रही थी (कोरोना के चलते) वहीं किसी ने पुलिस पर कोई कमेंट पास कर दिया जो खाकी वर्दी को नागवार गुजरा..आनन फानन में शक के आधार पर Jeyaraj (59) को थाने उठा ले गई.... परेशान बेटा Emmanuel Benicks (31) भी पीछे पीछे थाने पहुंचा। पुलिस ने हर डिग्री के टार्चर की धज्जियां उड़ाते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

आइए  पढ़िए और लिखिए अगर आप सिर्फ टिक टाक व्यूअर्स नहीं हैं तो...
पुलिस ने बाप और बेटी दोनों को नंगा किया चेहरों को दीवार की तरफ पलटा दिया चीन में उन्हें ऐसी जगह ले जाया गया जहां सीसीटीवी कैमरा की फुटेज की कवरिंग नहीं थी उनके अमाशय (गुदा द्वार) में पुलिस वालों ने अपने डंडे डाले और चलाए... उनके गुप्तांगों को लातो और लाठियों से चोट पहुंचाई और उनके गुप्तांगों को उन्होंने किसी धार वाली चीजों से चीर दिया...शरीर के सबसे नाजुक अंगों पर इस तरह की बर्बरता कि खून का फव्वारा रुकने का नाम नहीं ले रहा था.... नितंबों को लाठियों से इतना मारा कि नितंब फट गए... प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सात लंगोटे बांधी गईं और  सातों खून से लथपथ हो गईं थी ....नतीजा पिता और पुत्र दोनों की मौत हो गई।

हम उस टॉर्चर की केवल कल्पना कर सकते हैं ....कल्पना करने पर ही दर्द की सिहरन महसूस करते हैं तो ज़रा सोचिए वो रात कितनी भारी रही होगी उन पर!!! (मां और बहन का कहना है कि उन दोनों के आगे की तरफ और पीछे की तरफ कुछ भी नहीं बचा था) कस्टोडियल किलिंग पर सिर्फ थाने के कर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है और मुरूगन और मुथ्थूराज को सस्पेंड कर दिया गया है... लेकिन उससे क्या होगा?

दर्द दर्द ही होता है...ईर्थ नार्थ साउथ वेस्ट नहीं होता....जब आज एक विदेशी नागरिक पर हुए अत्याचार पर फेसबुक रंग सकते हैं तो खुद की नाक के नीचे हो रहे इस अमानवीय व्यवहार पर चुप्पी आपको मुर्दा साबित कर देगी। भक्षक बनी पुलिस पर सवाल उठाइए.... कानून का मज़ाक न बनने दें.

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