कोरोना पर कितनी गंभीर सरकार: याद करिये जब वेंकैया ने मास्क पहने सांसदों को बाहर कर दिया था
तारीख- 18 मार्च 2020
स्थान- भारतीय संसद
सदन की अध्यक्षता कर रहे हैंं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू। कुछेक सांसद मास्क लगा कर सदन में आए तब वेंकैया नायडू का कहना था, सदन से बाहर चले जाएं मास्क पहनने वाले यह ड्रेस कोड नही है, आइंदा मास्क में कोई दिखा तो वो बाहर निकलवा देंगे।
इस 45 सेकंड के उस वीडियो को टाइम निकाल कर देखिए व समझिए, यह साबित करता है कि हमारी मोदी सरकार कोरोना से लड़ाई ले कर कितना गंभीर थी, लॉक डाउन लागू करने के 5 दिन पहले तक कोरोना मोदी सरकार को कोई समस्या लगता ही नही था, यदि मोदी सरकार गम्भीर होती तो शायद ये शब्द वेंकैया नायडू नही कह पाते!!
अब जो अनपढ़ गंवार तब्लीगी जमात को कसूरवार बताते है,,क्या वो प्रजाति हमारी संसद व उपराष्ट्रपति से सवाल कर सकती है कि वो इतने बेखबर मस्त क्यों थे ?उनको क्या कोरोना की भयावहता का अंदाज नही था ?
इस वीडियो को अपने अपने क्षेत्र के भाजपा विधायक व सांसद को भेजिए , उनको टैग करिए उनके समर्थकों को दिखाएं और हिम्मत जुटा कर उनसे सवाल करें कि क्या आप जैसे लोगों के हाथ मे देश सुरक्षित है ?
जबकि 7 मार्च से हर बार फोन करते समय कॉल कनेक्ट होने से पहले कोरोना की कॉलर टोन सुनाई जा रही थी
15 मार्च से ट्रेन के एसी डिब्बो में से पर्दे व कम्बल हटा दिए गए थे
मार्च के फर्स्ट वीक से मास्क पहने हुए आदमी हर जगह नजर आने लगे थे
15-16 मार्च के करीब सभी कोर्ट ने अपना काम काज स्थगित कर दिया था
मीडिया में कोरोना की खबरें आने लगी थी मार्च के फर्स्ट वीक से।
इन सब के बावजूद हमारी संसद 18 मार्च तक कोरोना के प्रति लापरवाह थी क्योंकि मोदी सरकार ने कोई गंभीरता दिखाई ही नही थी।
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