Tuesday, July 14, 2020

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट की बगावत को सही मानने की कई वजहें हैं !



- संजीव आचार्य
ज्योतिरादित्य सिंधिया हो या सचिन पायलट, मैं इनकी बगावत को एक राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर गलत नहीं मानता। कारण एकदम स्पष्ट है। दोनों युवा पीढ़ी के नेताओं को राहुल गांधी ने आश्वासन दिया था कि विधानसभा चुनाव जीतकर काँग्रेस सत्ता में आयी तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इस वादे के दम पर दोनों ने क्रमशः मध्यप्रदेश और राजस्थान में जमकर मेहनत की। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्विवाद और करिश्माई, ऊर्जा से भरे युवा चेहरे के कारण ही मध्यप्रदेश में काँग्रेस सत्ता की दहलीज पर पहुंच पाई थी। यह खुद कांग्रेसी भी जानते हैं कि जनता ने कमलनाथ के नाम पर वोट नहीं डाले थे। किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ करने का चुनावी वादा निर्णायक साबित हुआ। सोनिया गांधी ने कोटरी के दबाव में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया। दिग्विजयसिंह ने सत्ता की डोरियां नेपथ्य से ऐसे नचाई जैसे कठपुतली वाला नचाता है। मुख्य सचिव और पुलिस का मुखिया दोनों दिग्गी राजा के प्यादे नियुक्त हुए। 

जाहिर है, सरकार के पहले छह-आठ महीने सरकार या तो कमलनाथ के दो ओएसडी चला रहे थे या राजा राधौगढ़। न किसी मंत्री की कोई हैसियत थी न विधायक की। इस दौरान सिंधिया तमाशबीन बने लाचार देखते रहे, इस उम्मीद में की राहुल गांधी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके संतुलन बनाएंगे। लेकिन उनका दुर्भाग्य या खिलाड़ियों का खेल, राहुल खुद ही लोकसभा चुनाव में हार की निराशा में ऐसे डूबे कि अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर किनारे हो गए। और मंझधार में छोड़ गये अपनी टीम के युवा नेताओं को। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों के विभागों में ट्रांसफर पोस्टिंग हो या ठेके, फैसले कमलनाथ-दिग्गी राजा के अन्तःपुर से ही होते रहे। हद तो तब हो गई जब सिंधिया ने भोपाल में एक अदद बंगला मांगा, कमलनाथ ने वो बंगला उन्हें देने के बजाय अपने पुत्र नकुल नाथ को आवंटित कर दिया!! यह सिंधिया के लिए आईना दिखाने की घटना थी कि कमलनाथ उन्हें हैसियत दिखा रहे हैं। दिल्ली हाईकमान ने भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया। मजबूरन सिंधिया को अपने आत्मसम्मान के बचाव के लिए काँग्रेस सरकार को गिराने का निर्णय लेना पड़ा। पन्द्रह महीने के इस "दिग्गजों"के झगड़े से पार्टी के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। भाजपा सत्ता में आ गई। 

अब राजस्थान की बात करें। सचिन पायलट ने पूरे पांच साल प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष किया। जब पार्टी सत्ता में आई तो सोनिया की कोटरी ने अशोक गहलोत की ताजपोशी करवा दी। राहुल गांधी फिर एक असहाय नेता के रूप में दिखाई दिए। वही अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, चिदम्बरम ,एंटोनी वगैरह ने यह प्रमाणित कर दिया कि पार्टी उनकी जकड़ से मुक्त हो नहीं सकती। पायलट एक सम्भावना से भरपूर युवा ऊर्जावान राजनीतिज्ञ हैं। सिंधिया की तरह यह समझ चुके हैं कि हाईकमान को हाईजैक कर लिया गया है। पार्टी का भविष्य अंधकारमय है। 

भाजपा या उसके मुख्य रणनीतिकार अमित शाह को दोष क्यों दिया जाए? असंतुष्ट खुद उनसे संपर्क कर रहे हैं ये सच है। सिंधिया, पायलट को छोड़ो, उत्तरप्रदेश में जिस तरह से प्रियंका गांधी अपनी निजी शक्ति से अलग ही काँग्रेस चला रही है, वहां के नेताओं में भी जबरदस्त असंतोष है। उनके सचिवालय पर वामपंथी छात्र नेता का कब्जा है। योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्व एजेंडा की प्रयोगशाला उत्तर प्रदेश में लेफ्टिस्ट क्या खाक माहौल पलटेंगे? लिहाजा आधा दर्जन नेता भाजपा के दरवाजे के बाहर कटोरे लिये बैठे हैं। क्योंकि राज्य में दस राज्यसभा सीटें खाली होनी है। जिसमे से एक समाजवादी पार्टी को मिलेगी, शेष 9 सीटें भाजपा के खाते में जाएगी। इन सीटों के जरिए सांसद बनने के लिए कभी राहुल के खास समझे जाने वाले सभी नेता आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, कमलापति त्रिपाठी के पोते,मोदी-शाह जिंदाबाद लगाने को आतुर हैं। मुंबई के मिलिंद देवड़ा भी इसी कतार में हैं। 

ऐसा लगता है, शरीर भाजपा का रहेगा इसमें धीरे धीरे आत्मा काँग्रेस की प्रविष्ट हो जाएगी। संसद और विधानसभाओं में सर्वे किया जाए तो तम्माम पूर्व काँग्रेसी भाजपा की ड्रेस में मिलेंगे। इससे आज की राजनीति का सत्ता केंद्रित चरित्र उजागर हो गया है। विचारधारा या दलगत निष्ठा 21वीं सदी का सबसे बड़ा चुटकुला है।

No comments:

Post a Comment

Spotlight

He said, "Sir, this is the Man," In the Blink of Eye, Dozen Armed Policemen Surrounded Us

He said, "Sir, this is the Man," In the Blink of Eye, Dozen Armed Policemen Surrounded Us
Kashmiri Journalist: He said, "Sir, this is the Man," In the Blink of Eye, Dozen Armed Policemen Surrounded Us

starlight

VOM SPECIAL : Seven Female Journalists who Married Star Cricketers

LIMELIGHT

Pages

flashlight

footlights