Showing posts with label सस्पेंस थ्रिलर. Show all posts
Showing posts with label सस्पेंस थ्रिलर. Show all posts

Monday, July 13, 2020

अगर भूतों की दुनिया है तो हम सबको क्यों नहीं दिखती?



-डॉ अबरार मुल्तानी
मैं तनाव प्रबंधन पर लेक्चर दे रहा था एक श्रोता समूह को। उसमें एक जगह मैंने बताया कि आपको नकारात्मकता (जैसे टीवी प्रोग्राम, बेवज़ह को खबरें और सोशल मीडिया से) से दूर रहना चाहिए। क्योंकि हमारा मस्तिष्क जो चीज बार-बार देखता और सुनता है उसे सच मानने लगता है, जैसे कि 'भूत' को। हममें से किसी ने भी भूत को नहीं देखा है लेकिन हम उनके अस्तित्व को सत्य मानते हैं। 

अंधेरे में या बियाबान जंगलों में जाने से हमें भूतों का डर रोकता है, जबकि हमने उन्हें कभी नहीं देखा। बस उनके बारे में सुना है, कहानियों में, किस्सों में लेकिन हमारे मस्तिष्क ने उन्हें सत्य मान लिया। क्यों? क्योंकि, हमने उनके बारे में बार-बार सुना है इसलिए। मेरी यह बात खत्म होने से पहले ही उनमें से एक व्यक्ति ने अपना हाथ उठाया और कहा कि, "सर मैंने भूत को देखा है, इसलिए आप ऐसा नहीं कह सकते कि भूत नहीं होते हैं।" 

मैंने उनसे पूछा कि आपने कब देखा भूत? उसने कहा कि जब मैं छोटा था लगभग 14 साल का। उस वक्त हमारे पड़ोसी की मृत्यु हुई जो कि मेरे पिता के मित्र थे। उनकी मृत्यु के 3 या 4 दिन बाद एक रात मैं मूत्र त्याग करने के लिए घर से बाहर निकला, मूत्र करने के बाद मैं पलटा तो क्या देखता हूं कि पास वाले चबूतरे पर वह व्यक्ति जिनकी मृत्यु हो गई थी वहां बीड़ी पी रहे थे और जोर जोर से हँस रहे थे।

मैंने उन्हें बैठने के लिए कहा और फिर पूरे समूह से मुखातिब होते हुए बोला कि, "आज हमें दो बातें भूतों के बारे में नई पता चली हैं- एक तो यह कि वे बीड़ी पीते हैं और दूसरा यह की उनकी दुनिया में भी पान-बीड़ी की दुकान होती है, जहां से वे बीड़ी खरीदते हैं।" मेरे इतना कहते ही सब हंसने लगे और उनके मन से भूत का डर जो थोड़ी देर पहले थोड़ा बहुत पैदा हुआ था (उस व्यक्ति की आपबीती सुनकर) वह चला गया।

एक महिला मेरे पास बड़े हुए बीपी की समस्या लेकर आई जो उसे कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ था, लगभग 3 या 4 दिन पहले से। मैंने उनसे पूछा कि,"क्या आपको कोई चिंता, तनाव या डर है? तो उन्होंने कहा कि मुझे एक रात को भूत दिखा था डॉक्टर। मैंने पूछा कि, "आपने क्या देखा वह मुझे बताइए।" उसने बताया कि, "मैं रात में घर की छत पर खड़ी थी और हमारे घर से कुछ दूरी पर रेलवे ट्रैक है, जहां पर अक्सर लोग हादसे के शिकार होकर मरते हैं। मैंने देखा कि वहां पर एक बड़ासा आदमी सफेद रंग के लिबास में चला जा रहा है और कुछ देर बाद वह मेरी आंखों से ओझल हो गया। मैं डर गई, भाग कर नीचे आई और पसीने पसीने हो गई। जब दूसरे लोगों ने वहां जाकर देखा तो उन्हें वहां कुछ नहीं मिला।"

मैंने उनकी बात सुनकर उनसे पूछा कि उस भूत या भूतनी ने क्या वाकई सफेद रंग के कपड़े पहन रखे थे? उसने कहा, "हां, मैंने उससे फिर पूछा, "क्या कपड़े सिले हुए थे? उसने कहा कि, "हां, शायद कुर्ता पजामा होगा या कुछ और।" मैंने उससे कहा कि आपकी बातों से मुझे एक बात आज नई पता चली कि भूतों के कपड़े की मिल भी होते हैं जहां पर उनके कपड़े बनते हैं, मैन्युफैक्चर होते हैं और उनका दर्जी भी होता है जो उनके लिए कुर्ते-पजामे या पेंट-शर्ट या सलवार-कुर्ते सी कर देता है। मेरे इतने कहने पर वह हंसने लगी और उसके साथ आए उसके अटेंडेंट भी।  उसका डर जा चुका था। एक सवाल पूछते ही कई सारे जवाब मिल जाते हैं। हम सवाल नहीं पूछते तो जवाब कैसे मिलेगा। मेरा सवाल उसका उपचार था। भूतों के संबंध में हम यही करते हैं, सिर्फ डर जाते हैं और पुरानी भूतिया कहानियों में अपनी भी एक कहानी को जोड़ लेते हैं।

हमारे सामने किसी मुर्दे के अंतिम संस्कार में उपयोग की गई विधियों और वस्तुओं के अनुसार ही हमें भूत का कॉस्ट्यूम दिखता है। जैसे हिन्दू और मुस्लिम लोग भूत को सफेद रंग के कपड़ों में इमेजिन करते हैं जबकि वहीं विदेशी इन्हें अधिकांशतः काले लिबास में। भूतों की छवियाँ हमारे अवचेतन में बसे डरों के अनुसार ही उभरती हैं। भूतों के अस्तित्व को अधिकांशतः आस्तिक लोग ही स्वीकार करते हैं जबकि उनकी आस्था उन्हें बताती है कि ईश्वर ही सर्व शक्तिमान है तो फिर उसके होते उन्हें कौन नुकसान पहुंचा सकता है! आस्तिकों अपने ईश्वर पर विश्वास कीजिए उसके चाहे बगैर आपको कुछ नहीं हो सकता और ना कोई आपको कोई नुकसान पहुंचा सकता है।

पुनःश्च- भूतों की दुनिया अगर है तो हम सबको क्यों नहीं दिखती? अगर वह भी हमारी तरह एक सामाजिक प्राणी हैं, उनकी दुकाने हैं, उनकी मील-फैक्टरी हैं, उनके स्कूल, उनके गुरु, उनके शिष्य, उनके खानसामा जो उनके लिए खाना बनाते हैं भी होंगे। यह सब हमें क्यों नहीं दिखते? सिर्फ कुछ डरपोक और कुछ डराने वालों को ही क्यों दिखते हैं ये भूत प्रेत? सवाल कीजिए और जवाब ढूंढिये। आप जवाब जानकर हँसने लगेगें और आपका डर भाग जाएगा।

Thursday, June 18, 2020

कृष्णा रूमी का सस्पेंस थ्रिलर: पंजाब से यूपी पहुंची प्रेम कहानी का क्या हुआ अंजाम?


- कृष्णा रूमी

चेतराम नाम का व्यक्ति पंजाब में एक भट्टे पर काम करता था। चेतराम का परिवार उत्तर प्रदेश में पाली से था जो काम के लिए पंजाब आया हुआ था, फिर कुछ समय बाद उन्हें वहीं पंजाब में एक शाहबाद का परिवार मिल गया, उस परिवार की बेटी थी रामबेटी। रामबेटी के पिता ओमेंद्र भी चेतराम के साथ उसी भट्टे पर काम करते थे। धीरे धीरे दोनों परिवारों का एक दुसरे के घर आना जाना हुआ, चेतराम ने जैसे ही रामबेटी को देखा उसके दिल में प्रेम की चेतना का जागरण हो गया, इसी जागरण में दोनों ने नरेंद्र चंचल के कई पंजाबी भजन गा डाले थे, फिर कुछ समय बाद रामबेटी ने बताया की उन्हें नरेंद्र चंचल के प्रेमगीत भी बहुत पसंद है, ये सुनकर चेतराम फूला नहीं समाया और 55 किलो से 60 किलो का हो गया।

दोनों में अब नरेंद्र चंचल के भड़काए भक्तिभाव के अलावा प्रेम की चंचलता भी प्रवेश कर चुकी थी। चेतराम के ईंट बनाते वक्त भी हमेशा दिमाग में रामबेटी रहने लगी। अब रामबेटी भट्टे पर पिता के लिए रोटी भी लाने लगी थी, और चेतराम ओमेंद्र के घर कोई सामान पहुंचाना होता था तो गेट पर ही खड़ा मिलता था। चेतराम की माँ ने तो ये भी कहा की बेटा तुझे ईंट के भट्टे की जगह कूरियर सर्विस ज्वाइन करनी चाहिए। लेकिन चेतराम को ईंटें बनाने में ही आनंद आ रहा था। तभी एक दिन मोदीजी ने लॉक डाउन अन्नोउंस कर दिया। रामबेटी और चेतराम के घर के दरवाज़े अब एक दुसरे के लिए बंद हो चुके थे।

चेतराम ने नरेंद्र चंचल के दुखभरे गाने सुनने शुरू कर दिए, रामबेटी का भी फेवरेट गाना इस दौरान "कभी ग़म से दिल लगाया, कभी अश्क के सहारे" बन चुका था। फिर कुछ दिन इंतज़ार करने के बाद बेरोज़गारीवश रामबेटी का परिवार अपने गाँव चला गया। चेतराम को जैसे ही पता चला उसने भी अपने परिवार पर जोर डालना शुरू किया और बताया की ये कोरोना 2022 तक नहीं जाने वाला। उसने कुछ फेसबुक की पोस्ट्स भी दिखाई इस जानिब। चेतराम का पिता तैयार हो गया और पूरा परिवार वापस उत्तर प्रदेश के पाली पहुँच गया।
.
यूपी पहुंचकर कुछ दिन तो चेतराम ने इंतज़ार किया लेकिन फिर एक दिन पुलिस से छुपता छुपाता चेतराम शाहबाद पहुँच गया। वहाँ जाकर वो ओमेंद्र के परिवार से मिला और बताया की पिताजी ने भेजा है आपका हालचाल पूछने के लिए। लेकिन चेतराम को नहीं पता था की उसके बेदर्द बाप ने रामबेटी के बाप के साथ अपना फ़ोन नंबर शेयर किया हुआ था,
चेतराम को धक्के देकर वहाँ से भगा दिया गया और रामबेटी का घर से निकलना बंद कर दिया गया। 
लेकिन जैसे नरेंद्र चंचल के रतजगों की सुबह होती है ऐसे ही एक दिन उनकी भी सुबह हुई और रामबेटी परिवार को चकमा देकर दवाई लाने के बहाने घर से भाग निकली।

रामबेटी अब सीधा पहुँच गयी चेतराम के घर और कर दिया एलान की अब तो प्रणय सूत्र में बंधकर ही मानेगी। चेतराम की माँ ने कहा "चल फुट" और रामबेटी को घर से बाहर कर दिया। रामबेटी पहुँच गयी पाली थाने और पुलिस ने दोनों परिवारों को लाइन हाज़िर कर लिया, दोनों परिवारों को समझाया गया की प्यार की गाडी और बेवड़े की ताड़ी कोई आजतक नहीं रोक पाया है। जिसपर की चेतराम की माता ने कहा की उसके भाई को शराब छोड़े हुए 10 साल से ऊपर हो चुके हैं।

पुलिस समझ गयी सारे पंगे को और दोनों की मंदिर में शादी करवा दी।
अब, क्या चेतराम की माँ जोड़े को घर में रखने को तैयार होगी? क्या चेतराम के मामा ने सही में शराब छोड़ दी है या अभी भी छुप छुप के पीता है? और सबसे बड़ी बात, क्या नरेंद्र चंचल ने शादीशुदा लोगों के लिए भी कोई गीत गा रखे हैं? जानने के लिए पढ़ते रहिये कृष्णा रूमी की सस्पेंस थ्रिलर सीरीज।

Friday, June 12, 2020

कृष्णा रूमी का सस्पेंस-थ्रिलर : हापुड़ के किसान से एक लड़की की ऑनलाइन मुहब्बत

- कृष्णा रूमी

हापुड़ में एक 55 साल के किसान को अचानक एक दिन एक बेहद खूबसूरत लड़की की फ्रेंडरिक्वेस्ट आयी। जो किसान ने "मजबूरीवश" झट से एक्सेप्ट कर ली। फिर अगले ही दिन किसान की एक पुरानी पोस्ट पर लड़की ने कमेंट किया के "सर आप बहुत अच्छा लिखते हैं, आपको किताब लिखनी चाहिए।" किसान के अंदर का छुपा लेखक अब जग चुका था, किसान ने रिप्लाई में "थैंक्स डिअर" लिखा और सीधा पहुँच गया लड़की की DP पर और "nice pic डिअर" लिख मारा। "nice pic डिअर" पढ़ते ही लड़की सीधा इनबॉक्स में आ गयी और पूछ डाला की "क्या मैं आपको सही में nice लगती हूँ?",
.
शाम के 6 बजे से सुबह 6 बजे तक किसान 12 घंटे तक बेहोश रहा, फिर उसके बेटे ने जगाया के "पिताजी तबियत तो ठीक है, दूध दाध नहीं निकाला आज", किसान ने बटे को भेज दिया भैंस का दूध निकालने और खुद फेसबुक पे लड़की को रिप्लाई लिख डाला : "हां", लड़की ने तुरंत रिप्लाई किया की "उसे भी ऐसे ही साथी की तलाश है जो उसे समझ सके" किसान ने स्थिति को भाँपकर उत्तर दिया के "वो भी रूप से ज्यादा शब्दों को अहमियत देता है, और उसके लिए काया केवल माया है",

लड़की ने कहा की "आप तो पोएट्री भी अच्छी कर लेते हैं" किसान ने कहा की "बस यूँ ही कभी कभी हो जाती है " लड़की ने कहा की "सर आज की दुनिया में आप जैसे साफ़ दिल के लोग बहुत कम मिलते हैं, वरना ज्यादातर लोग तो बस झूठी दुनिया में ही जी रहे हैं। जिसपर किसान ने लड़की को एक नहीं दो मैसेज पोस्ट किये "सटीक" और "कटु सत्य" के रूप में।
.
फिर ऐसे ही कुछ दिन तक किसान की इनबॉक्स में जी भर के लड़की से चैट होती रही, लड़की के रूप पर किसान ने 10 -12 "शीशी भरी गुलाब की" टाइप्स शायरी लिख डाली। लड़की जैसे आजकल प्रियंका चोपड़ा अमेरिका में भोली इंडियन बनी हुई है वैसे ही बनकर किसान को दिखाती रही के उसने आजतक इतनी बढ़िया शायरी नहीं पढ़ी है।

किसान अपने लिए एक नयी डायरी और इंक पेन खरीद लाया, और उनकी फोटो खेंचकर लड़की को इनबॉक्स कर दी। लड़की ने 11 दिन तक किसान से प्रेम भरी बातें की और अपने ऊपर कविताएं लिखवाई जो किसान इनबॉक्स के अलावा डायरी में भी लिखता गया, 12 वें दिन लड़की ने कहा की वो अब किसान को अच्छे से जान गयी है और उस से शादी भी करना चाहती है, किसान ने कहा की उसे थोड़ा समय चाहिए, उसे नहीं पता था की बात शादी तक पहुँच जायेगी।

फिर 13वें दिन लड़की ने अपनी दुखभरी कहानी सुनाई के उसे 30 लाख रुपये की सख्त जरूरत है वरना उसका घर बैंक कुड़की कर देगा, लड़की ने अपने मकान के कागज़ और बैंक के लोन के कागज़ भी किसान को भेजे, लड़की ने कहा की वो ये पैसे घर वापिस मिलते ही वापस कर देगी किसान को। किसान का दिल "मजबूरीवश" पिघल गया और उसने अपने पास पड़े 15 लाख रुपये लड़की के दिए अकाउंट में डलवा दिए, फिर लड़की ने कहा की पूरे पैसे मिलेंगे तभी घर छूटेगा तो किसान ने जानकारों से उधार लेकर बाकी के 15 लाख भी खाते में और डलवा दिए।
.
14 वें दिन किसान ने लड़की को एक बिलकुल नया "शीशी भरी गुलाब की" लिखकर भेजा, लेकिन इस बार लड़की का कोई रिप्लाई नहीं आया, किसान को लगा की या तो लड़की को "शेर पसंद नहीं आया" या फिर लड़की के कोरोना हो गया, किसान ने कुछ दिन इंतज़ार किया और इस बीच कई और "शीशी भरी गुलाब की" लिख डाले, लेकिन फिर महीना गुजर जाने पर किसान को लगा की इतने दिन में तो कोरोना ठीक हो जाना चाहिए था, तो किसान ने पुलिस में शिकायत कर दी, के एक लड़की ने उस से 30 लाख रुपये लेकर अब बातचीत ही बंद कर दी है।

पुलिस ने एक बार तो बुजुर्ग किसान की शक्ल की तरफ देखा, फिर लड़की की ID से की गयी चैट पढ़कर किसान को बताया की ताऊ ये कोई बदमाश लड़के थे जो तेरेको चूना लगा गए, पर तू चिंता मत कर हम पकड़ लेंगे बैंक अकाउंट से। किसान वापस घर आया और अपनी शायरी वाली डायरी और पेन को चूल्हे में डाल दिया। लेकिन किसान को चूल्हे में डायरी और पेन डालते वक्त उसकी बीवी ने देख लिया था, और उसने आधी जली हुई डायरी पर पानी की बाल्टी उड़ेल दी !
.
अब, क्या किसान को उसके पैसे वापिस मिलेंगे? क्या किसान को सही में किसी लड़के ने चूना लगाया था, या फिर किसी लड़की को उस से सही में सच्चा प्यार हुआ था और अब वो लड़की कोरोना से मर चुकी है? और सबसे बड़ी बात, किसान की बीवी ने चूल्हे में पानी क्यों डाला? क्या उसे सब पता चल गया था? क्या पुलिस ने मुखबिरी की थी किसान की बीवी और उसके बेटे को? जानने के लिए पढ़ते रहिये कृष्णा रूमी का सस्पेंस-थ्रिलर।

कृष्णा रूमी का सस्पेंस-थ्रिलर : क्या लड़की ढूंढ पाएंगी अपनी सहेली और अपने प्रेमी को?

- कृष्णा रूमी
पंजाब की लड़की को हरयाणा के लड़के से प्यार हो गया। दोनों साथ पढ़ते थे। फिर लड़की भागकर हरयाणा में लड़के के साथ रहने लगी। दोनों हरयाणा के फतेहाबाद में छुपे हुए थे। लड़की के घरवालों ने उसकी सहेली के जरिये पता करवा लिया के दोनों कहाँ छुपे हुए हैं। लड़की का पिता अपने दोस्तों के साथ फतेहाबाद चला गया, लड़का लड़की दोनों पकडे गए। लेकिन, तभी लॉकडाउन हो गया ! लड़का, लड़की, लड़की का बाप और उसके दोस्त, सब फतेहाबाद में फंस गए।
.
अब यहां से कहानी में आ जाता है जबरदस्त ट्विस्ट, लड़की के चाचा ने मौका देखकर उनके खेत में खड़ी फसल काट ली ! लड़की के बाप को फोन पर खबर मिली, लेकिन बेचारा करे क्या लॉकडाउन में कहीं जा तो सकता नहीं है। फिर कुछ दिन बाद खबर आयी की लड़की का चाचा उस जमीन को बेचने की भी कोशिश कर रहा है। लॉकडाउन खुलते ही लड़की का पिता लड़की को लेकर वापस गाँव पहुंचा तो देखा की उसकी जमीन पर उसके भाई ने दबंगों के साथ कब्ज़ा कर रखा है। उसने पुलिस तक बात पहुंचाई, लेकिन कुछ सुलझ नहीं रहा था।
.
लड़के को बात पता चली तो वो अपने दोस्तों के साथ हथियार लेकर आया, और खेत में गोली चला दी। लड़की का चाचा अपने दबंगों के साथ खेत छोड़ के भाग गया। अभी लड़की के बाप को कब्ज़ा मिला ही था की कहानी में दूसरा ट्विस्ट आ गया, लड़की की सहेली कुछ दबंगों को लेकर आयी और लड़के को उठा के ले गयी, लड़का दरअसल two टाइमिंग कर रहा था उसके और लड़की के साथ। पुलिस तक बात पहुंची, फसल की चोरी का केस दर्ज़ हुआ, खेत में गोली चलाने का केस दर्ज़ हुआ, और लड़के की किडनेपिंग का। लड़का अभी भी गायब है लड़की की सहेली के साथ। खेत अभी लड़की के बाप के कब्ज़े में है, जबकि फसल चाचा के।

अब, क्या लड़की का चाचा और उसके दबंग दोस्त वापिस आएंगे जमीन पे कब्ज़ा करने जब उन्हें पता चलेगा की लड़की के दबंग प्रेमी को लड़की की सहेली उठा के ले गयी है? क्या लड़की ढूंढ पाएंगी अपनी सहेली और अपने प्रेमी को ? क्यूंकि दोनों ही उसके काफी करीबी थे। और लड़के के साथ हरयाणा से पंजाब आये उसके दोस्त भी कितने दिन दोस्त की "ना हो सकी ससुराल" में दोस्त के वापिस आने का इंतज़ार करेंगे ?" और फिर सबसे बड़ा सवाल, लड़का और लड़की हरयाणा के फतेहाबाद में कहाँ छिपे हुए हैं, ये बात लड़की की सहेली को लड़की ने बताई थी या लड़के ने ?
जानने के लिए पढ़ते रहिये कृष्णा रूमी का सस्पेंस-थ्रिलर।